जंगल में सभी जानवर बहुत खुश थे । चींटियां रोज़ सुबह अपने काम पर जाती और खूब मेहनत करके फिर अपने घर आ जाती । चींटी के बच्चे भी रोज़ स्कूल जाते और अपने प्यारे टीचर भालू से बहुत कुछ सीखते। लंच में सब बच्चे अपने-अपने दोस्तों के साथ बैठ कर खाना खाते। फिर वो स्कूल कि घंटी के बजने का इंतज़ार करते। खरगोश मैडम घंटी बजते ही स्कूल बस में जाने वाले बच्चों को एक लाइन में खड़ा करती। चिंकी चींटी भी इसी स्कूल में पढ़ती थी। वैसे तो चिंकी को स्कूल जाना बहुत पसंद था। पर कभी-कभी उसे लगता कि काश स्कूल में लम्बी छुट्ठियाँ हो जाएँ । उसका हमेशा कहीं पिकनिक पर मज़े करने का मन होता । यही सोच कर कभी-कभी उसका सुबह-सुबह स्कूल जाने से पहले मुँह बन जाता। तब तो सुबह- सुबह उसका खाना खाने का भी मन नहीं करता। वो खाना ना खाने के लिए कई बहाने बनाती । इसीलिए वो बहुत पतली दिखने लग गयी थी। स्कूल में उसे दोस्तों के साथ खेलना और समय बिताना ही पसंद आता। एक दिन स्कूल से सब बच्चों को जल्दी छुट्टी हो गयी। चिंकी चींटी बहुत ही खुश थी आज। जब वो घर पहुंची तो मम्मी ने बताया की अब तुम्हारे स्कूल बहुत दिन तक बंद रहेंगे। चिंकी चींटी ने झूठी उदास शकल बनाकर पूछा ,” क्यों बंद रहेंगे मम्मी ? अभी तो हमारी सर्दियों की छुट्टी ख़तम ही हुई है। ” चींटी मम्मी के उसे बताया की कोई बहुत ख़राब वायरस इस दुनिया में आ गया है । इसका नाम Covid 19 है। ये पुरे जंगल में फैल गया है। अब सारे जंगल में लॉक डाउन है । इसीलिए सब बच्चों को घर पर ही रहने को कहा है। चिंकी चींटी बहुत ही खुश थी अब। उसे लगा की अब तो मज़े ही आ गए। ना कोई स्कूल , ना कोई सुबह उठने की समस्या।
वाह! वाह!
अब चिंकी चींटी रोज़ ही सुबह देर से सो कर उठती। दूध पीती, फ़ोन पर गेम्स खेलती, टेलीविज़न में कार्टून देखती। भालू सर और खरगोश मैडम रोज़ खूब मेहनत करके ऑनलाइन पढाई कराते। चिंकी चींटी भी ऑनलाइन क्लासेज का खूब मज़ा लेती। वो हमेशा चींटी मम्मी को साथ बैठने के लिए कहती ताकि जब टीचर्स उससे कुछ पूछ लें तो वो उनकी मदद ले सके। क्लासेज के बाद वो उसी फ़ोन पर कभी वीडियोस देखती और कभी गेम्स खेलती। एक महीना बीत गया। स्कूल अभी भी बंद थे। जंगल में वायरस फ़ैल चुका था। चिंकी हर रोज़ चींटी मम्मी को उसे कहीं घूमने ले जाने को कहती। पर ये नहीं हो सकता था। अब वो घर पर बैठ कर बोर होने लग गयी थी। जब-जब वो अपने पापा को मास्क पहन कर बाहर जाते देखती तो वो भी बाहर जाने की ज़िद करती। “क्या करेगी बाहर जा कर मरना चाहती है क्या ? अगर तू बीमार हो गयी तो तुझे अकेले कमरे में छोड़ देंगे। तब कोई नहीं होगा तेरे पास। समझ गयी ना ? ” एक बार तो चींटी मम्मी ने गुस्से से उसे बोल दिया। अब चिंकी चींटी का मन उदास रहने लगा। उसे लगा इससे अच्छा तो स्कूल ही था। इसी तरह से तीन महीने बीत गए। स्कूल अभी भी बंद था । अब चिंकी चींटी अपने आप को अकेला पाने लगी। जब चींटी मम्मी टीवी बंद कर देती तो वो दूसरे कमरे में मोबाइल फ़ोन पकड़ लेती। धीरे-धीरे उसकी आँखे खराब होने लग गयी। उसके सर में हमेशा दर्द रहता। चींटी बुआ एक डॉक्टर थीं। वो किसी ज़रूरी काम से चिंकी चींटी के घर आयी हुई थी। चिंकी चींटी की समस्या को बुआ ने पहचान लिया। उन्होंने चिंकी चींटी को बुलाया और बताया ,” बेटा क्यों तुम इतनी उदास हो ?” चिंकी चींटी ने बुआ को सब कुछ बताया और ये भी कहा ,” क्या हम सब मर जायेंगे बुआ?” बुआ हसीं और चिंकी चींटी को गले लगाकर बोली,” बेटा इसमें कोई डरने की बात नहीं। वैसे तो हम सब अपना ध्यान रख रहे हैं । पर अगर हम इस वायरस से बीमार भी हो जाते है तो भी डॉक्टर्स हमारा बहुत ख़याल रखते हैं । ”
चिंकी चींटी के चेहरे पर बहुत खुशी थी। “तुम कुछ न कुछ रोज़ अच्छा सीख सकती हो। तुम घर पर रहकर योग और व्यायाम कर सकती हो। मेरी एक सहेली है जो ऑनलाइन योग सिखाती है। मैं उससे अभी बात करुँगी “ बुआ उसे समझाती रही.
चिंकी चींटी ने पूछा,” स्कूल कब खुलेंगे बुआ ? “क्या जब स्कूल खुलेंगे तो हमे वायरस की बिमारी नहीं होगी ? क्या स्कूल में हमें कोई खतरा नहीं है? ”
बुआ मुस्कराई और कहा ,” चिंकी स्कूल तभी खुलेंगे जब सब ठीक होगा। और फिर तुम्हे भी तो एहतियात बरतनी होग। जैसे सोशल डिस्टन्सिंग , मास्क पहनकर रखना, अपने आंख और मुँह में हाथ न लगाना, बार-बार हाथ धोना या सैनिटाइज़र का प्रयोग करना । बहुत आसान है ना? “
इस पर चींटी मम्मी भी खुश हो कर बीच में बोली,” बिलकुल सही कह रही है चींटी बुआ। आज से तुम्हारी योग क्लासेज शुरू। ” एक दिन गुस्से में चींटी मम्मी ने उसे ऐसे ही डरा दिया था और चींटी मम्मी को वो बात याद आ रही थी ।
चिंकी ने बुआ और मम्मी को गले लगाया। चिंकी अब बहुत खुश थी। उसने सोचा अब मैं फ़ोन और टेलीविज़न से ध्यान हटाकर रोज़ कुछ नया सीखूंगी। अपनी मेहनत से सब सीख कर टीचर्स के सभी प्रश्नो का उत्तर बिना किसी सहारे के दूंगी।