कोरोना वायरस के साथ जीना होगा

Date:

-सुरेंद्र सिंह शेखावत

भारत में कोरोनावायरस के प्रसार के साथ ही लगभग 22 मार्च के बाद से जनजीवन बंद है। सारे उद्योग धंधे , व्यापार सब कुछ बंद है। विशेषज्ञों ने इस दौर में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर शून्य फीसदी मानी है । शुक्र है यह शून्य से नीचे माईनस में नहीं गई ।
लगभग 43 दिन के इस लोकडाउन के बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने निर्णय लेकर लोक डाउन को चरणबद्ध रूप से खोलने का निर्णय किया है। कल से राजस्थान में बहुत सारी सहूलियत दी गई और कुछ व्यापार व्यवसाय खोलने की अनुमति दी गई । देशभर  में शराब की दुकानें भी खुल गई । इस पर बहुत हो हल्ला मचा। जिस तरह से शराब की दुकानों पर भीड़ उमड़ी उसको लेकर बहुत लोग भयाक्रांत दिखे और इस बात को लेकर चिंतित हो रहे थे कि  लॉक डाउन से जो कुछ हमने पाया है, उस पर यह सब लोग पानी फेर देंगे । दरअसल इतना आतंकित या भयभीत होने की जरूरत नहीं है । जब सवाल अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का है तो शराब की दुकान ही नहीं सारी चीजें खोलनी पड़ेगी और खोलने की प्रक्रिया को लेकर किसी को घबराने  की आवश्यकता नहीं है ।अन्यथा सरकारे जरूरी चीजें कैसे उपलब्ध करा पाएगी, कैसे कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकेगा ।
दुनिया का कोई भी देश लंबे समय तक तालाबंदी नहीं रख सकता।  यहां तक कि दुनिया के बहुत से विकसित देशों ने भी पूरी तरह लोक डाउन करने की हिम्मत नहीं दिखाई है । उसके बावजूद भारत में लॉकडाउन किया और भारत के लोगों ने अनुशासित ढंग से उस लॉककडाउन की पालना की ।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा है कि लॉक डाउन के बाद रोजगार और अर्थव्यवस्था को बचाना महत्वपूर्ण है , ऐसा नहीं किया तो लोगों की जान दूसरी वजह से जाएगी।  उन्होंने राज्यों से कहा है कि बिना डरे साहस के साथ प्रतिबंध हटाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए । उन्होंने “लॉक डाउन 3:0”  को “ओपनिंग1:0”  कहना ज्यादा उपयुक्त माना है।
यह तो शुक्र है कि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और आज भी  60 फीसदी लोगों का रोजगार खेती से जुड़ा हुआ है । इसलिए हम इतना लंबा लॉकडाउन झेल पाए । दूसरी हमारी बचत की आदत ने हमें इस लॉक डाउन में अनुशासित रखा। लेकिन लंबा लोकडाउन रखा जाना  न तो संभव है,  न हीं समाधान।  इसलिए यह बात गौर करें कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए धीरे-धीरे सारी चीजें ही खोलनी ही पड़ेगी। हम सब को भी सावधानी पूर्वक हमारी आर्थिक गतिविधियां शुरू कर देनी चाहिए ।
 कोरोना वायरस कब खत्म होगा यह भी  महत्वपूर्ण सवाल है । इस बारे में मैंने बहुत से विशेषज्ञों की राय जानी उनमें बहुत से लोगों का यह मानना है कि  कोरोनावायरस हममें से सभी के शरीर में से होकर गुजरेगा । कोई इस मुगालते में न रहें कि मैं कोरोनावायरस से बच जाऊंगा । विशेषज्ञों के अनुसार लगभग 80% आबादी के शरीर में से कोरोनावायरस होकर गुजरेगा यह फेक्ट है । आपसे चाहे माने या ना माने। हम सब लोग इस उम्मीद में है कि इस वायरस की वेक्सीन खोज ली जाएगी । उम्मीद करते है ऐसा जल्द हो पाए । दुनिया भर के वैज्ञानिक इस दिशा में अनुसंधान में जुटे है । यद्यपि अभी तक अफ्रीकी महाद्वीप में कहर मचाने वाले इबोला वायरस की वेक्सीन भी नहीं खोजी जा सकी है ।इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के प्रोफेसर और ग्लोबल हेल्थ एक्सपर्ट डेविड नबेरों ने कहा है कि वायरस को खत्म करने वाली वैक्सीन कभी बन ही ना पाए ऐसा भी हो सकता है या फिर बहुत ज्यादा समय लगे।  डेविड कहते हैं कि दुनिया भर में कई ऐसे वायरस है जिनकी  आज तक कोई वेक्सीन नहीं बन पाई ।इसलिए यह पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता कि वेक्सीन कब बनेगी?  यदि बन गई तो क्या वह सुरक्षा के सभी परीक्षणों पर खरी उतरेगी?  जब तक कोविड-19 का कोई इलाज सामने नहीं आ जाता या वैज्ञानिक इसकी दवा नहीं खोज् लेते तब तक हमें इसके साथ जीने का तरीका सीख लेना चाहिए।
इसके लिए हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना पड़ेगा । हमारे परंपरागत भोजन और उसमें उपयोग में लिए जाने वाले मसलों और वनस्पतियों का  उपयोग करते हुए हम लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।  वैक्सीन बनेगी? कब आएगी ?और कब उसका निदान होगा ? इसके भरोसे रहने की आवश्यकता नहीं है ।अत अब आवश्यकता है अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाए और सुरक्षा नियमों की पालना करते हुए आर्थिक गतिविधि आरम्भ की जाए । निश्चित ही हम सब को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी ही होगी।

[प्रकाशित आलेख में व्यक्त विचार, राय लेखक के निजी हैं। लेखक के विचारों, राय से www.infeed.in का कोई सम्बन्ध नहीं है। कोई भी व्याकरण संबंधी त्रुटियां या चूक लेखक की है, www.infeed.in इसके लिए किसी तरह से भी जिम्मेदार नहीं है।]

लेखक – सुरेंद्र सिंह शेखावत ,एडवोकेट, रिसर्च स्कॉलर ,पोलिटिकल एंड सोशल एक्टिविस्ट , प्रदेश संयोजक [ प्रशिक्षण ]- भारतीय जनता युवा मोर्चा – भाजयुमो।

Disclaimer :- This post is independently published by the author. Infeed neither backs nor assumes liability for the opinions put forth by the author.

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

73 Percent Population Devoid of Any Upliftment : Rahul Gandhi Roars in Patna

Congress leader Rahul Gandhi on Sunday alleged that the...

Pratapgarhi speaks against the demolition of 700-year-old mosque in Rajya Sabha

Congress leader Imran Pratapgarhi, in a poetic yet eloquent...

The Stealthy Rise of Autocracy: India’s Democratic Crisis Unveiled

Suspending MPs to strengthen Parliament security? Slow and steady...

After Bharat Jodo Yatra, Rahul Gandhi to go on Bharat Nyay Yatra from Jan 14 to March 20

The Congress on December 27 announced that party leader...