भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज आशा कार्यकर्ताओ पर हुए हमलो के सन्दर्भ में इंडियन एक्सप्रेस का एक न्यूज़ आर्टिकल ट्विटर पर साझा करते हुए ट्वीट किया की “फरीदाबाद में जान मोहम्मद और उनके लोगों ने आशा कार्यकर्ताओं बेरहमी से मारा है .
ट्विटर पर ट्वीट करने से पहले शायद संबित पात्रा ने इंडियन एक्सप्रेस का वो आर्टिकल भी ढंग से नही पढ़ा जिसको कोट करते हुए संबित पत्रा ने ये गलत जानकारी ट्वीट करी है . असल में घटना फरीदाबाद की नहीं है वो फरीदाबाद जिले के लुहिंगा कलां गांव की है , जहाँ जान मोहम्मद एवं तीन बेटों द्वारा आशा कार्यकर्ता साजिदा और उनके पति से मारपीट की गई. इस दौरान दंपति के साथ मौजूद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पास के एक घर में छिपकर जान बचाई. आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत हमलावरों पर पुनहाना पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है.फरीदाबाद पुलिस ने भी संबित पात्रा के इस भ्रामक ट्वीट के जवाब में तथ्यात्मक जानकारी ट्वीट करते हुए बताया की ये घटना फरीदाबाद की नहीं है
https://twitter.com/FBDPolice/status/1253712772111761410
फरीदाबाद पुलिस के इस ट्वीट के बाद लोगो ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की ट्विटर पर जबर्दस्त खिंचाई शुरू कर दी है एवं संबित पात्रा के खिलाफ क़ानूनी कारवाई की मांग तक कर डाली है .
https://twitter.com/sapnarat/status/1253724556067516416
वही एक ट्विटर यूजर ने फरीदाबाद पुलिस से निवेदन तक कर डाला की इन्हें नमस्कार नही जूतों की आवश्यकता है
अब देखने लायक बात ये होगी की फरीदाबाद पुलिस भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के खिलाफ कुछ कारवाई करती है के नहीं या फिर जनता को इस फरीदाबाद पुलिस के इस ट्वीट से ही संतोष करना पड़ेगा . ऐसा पहली बार नही हुआ है की भाजपा के नेता और पदाधिकारी फर्जी खबरों के प्रचार प्रसार करते हुए चिन्हित हुए है . भाजपा पर फर्जी खबरों के प्रचार और प्रसार के आरोप तब से लगते आया हैं जब से देश में देश सोशल मीडिया का उदय हुआ है परन्तु शायद ही किसी मामले में कोई कड़ी क़ानूनी कारवाई हुई है .
देश के सभी नागरिकों से निवेदन है की कोरोना वायरस के स्नक्रमण से तो बचे ही , साथ ही साथ फर्जी खबरों के स्नक्रमण से भी अपना बचाव करे .